सुनो सुनो श्रीराम कहानी लिरिक्स पार्ट-1, सी लक्ष्मीचंद भजन
सुनो सुनो श्री राम कहानी सुनो सुनो श्री राम कहानी
जिसके सुनने से भर आए इन आंखों में पानी
सुनो सुनो श्री राम कहानी सुनो सुनो श्री राम कहानी
जय जय राम जयश्री राम जयश्री राम जय जय राम
जय जय राम जयश्री राम जय जय राम जयश्री राम
प्रभु राम की प्यारी महिमा जग से पार उतारे
राम सहारा संच्चा बाकी झूठे सभी सहारे
जड़ और चेतन जल थल में राम हीं राम समाए
राम गुणों की खान है साधु कौन उसे गा पाए
उसी राम की मधुर कहानी हो….
उसी राम की मधुर कहानी आज सुनाने आया
एक पुरषोत्तम की मर्यादा मैं समझाने आया
मैने नही अनेकों ने है….हो….
मैने नही अनेकों ने है गाई कथा सुहानी
सुनो सुनो श्रीराम कहानी सुनो सुनो श्री राम कहानी
जय जय राम जयश्री राम जयश्री राम जय जय राम
सुंदर मुखड़ा रूप मनोहर राम हैं अंतर्यामी
राम दया से तर जाते हैं पापी नामी ग्रामी
विष्णु मंदिर प्यारा जिनको प्यारा धाम शिवाला
वंदनीय है सबके राजा राम हीं जग के स्वामी
गाथा उनकी बड़ी अपूरव निर्बल के बलराम
पार करे भवसागर से नित बस उनका ही नाम
सूरज चंद्र नक्षत्र सितारे…..हो….
सूरज चंद्र नक्षत्र सितारे कहे उसी की कहानी
सुनो सुनो श्रीराम कहानी सुनो सुनो श्री राम कहानी
जय जय राम जयश्री राम जयश्री राम जय जय राम
तीनो लोक चलाने वाले राम की महिमा न्यारी
पावन धाम सभी देवों के विष्णु के अवतारी
जो ध्याये तर जाए चक्र से पीर मिटे जग सारी..
उसके लिए सभी है संभव विष्णु हीं लीलाधारी
गाए जिसके गीत चराचर रघुकुल राम सुखारी
तीन लोक के सब देवों में राम बड़े हितकारी
जिसकी प्रेरणा मां सीता है…..हो…
जिसकी प्रेरणा मां सीता है शक्ति वहीं भवानी..
सुनो सुनो श्री राम कहानी सुनो सुनो श्री राम कहानी-२
Suno suno Shri Ram kahani bhajan lyrics
अवधपुरी रघुकुल में योगी राजा दशरथ एक
वे भण्डार गुणों के पूरण बुद्धि व ज्ञान विवेक
कौशल्या कैकेयी सुमित्रा तीन रनिया उसकी..
था पुनीत आचरण सभी का गौरव धाम अनेक
पुत्र हेतु का हवन कराने मुनीवर श्रृंगी आए
सब वशिष्ठ की आज्ञा से आहुति देने आए..
जो शादियों से चलती आई हो…..
जो शादियों से चलती आई गाथा नही भुलानी
सुनो सुनो श्री राम कहानी सुनो सुनो श्री राम कहानी
जय जय राम जयश्री राम जयश्री राम जय जय राम
योग्य लग्नहवार वो तिथि हो गए जब अनुकूल
जड़ चेतन हर्षित हुए तब राम जन्म सुख मूल
जनम लिया भगवान राम ने माह चैत्र का सुंदर
पक्ष शुक्ल था तिथि थी नवमी शरदी थी ना धूप
हुए देवता भी आनंदित नर मुनि संत सभी..
भूल गए सब दुख अपने कुछ ऐसी हवा चली…
बाल राम के मुख मंडल की….हो….
बाल राम के मुख मंडल की आभा बड़ी सुहानी
सुनो सुनो श्री राम कहानी सुनो सुनो श्री राम कहानी
जय जय राम जयश्री राम जयश्री राम जय जय राम
खुशियों के बादल उड़ आए बजने लगी बधाई
कौशल्या के पालने में फिर हंसने लगी ललाई
नगर जनों के मन मंदिर में लहरी आशा किरणें
राम जन्म के मधुर घड़ी में सबने खुशी मनाई
बचपन खेल कूद में गुजरा गुरु से शिक्षा पाई
अस्त्र शस्त्र व शास्त्र विद्या में प्राप्त हुई निपुणाई
शिक्षा दीक्षा से परिपुरण….हो…..
शिक्षा दीक्षा से परिपुरण उभरी राम जवानी
सुनो सुनो श्री राम कहानी सुनो सुनो श्री राम कहानी
जय जय राम जयश्री राम जयश्री राम जय जय राम
C Laxmichand, suno suno Shri Ram kahani
दूर…दूर नगर के कोलाहल से वन में कूटी बनाई
पेड़ों की शीतल छाया में दुनिया नई बसाई
योग साधना हवन यज्ञ में उनका नही था सानी
सभी गुणों के आगर थे वे किंतु बड़े अभिमानी
स्वर्ग त्रिशंकु को देने की जिद जिसने थी ठानी
गाधी पुत्र कहलाने वाले ऋषि ने की मनमानी
विश्वामित्र नाम था उनका…हो ..
विश्वामित्र नाम था उनका बड़े हीं ज्ञानी ध्यानी
सुनो सुनो श्री राम कहानी सुनो सुनो श्री राम कहानी
जय जय राम जयश्री राम जयश्री राम जय जय राम
जप तप योग साधना वाले दैत्यों से घबराए
विश्वामित्र वहीं ज्ञानी मुन दशरथ द्वारे आए
दिव्य दृष्टि से जान लिया प्रभु राम अवतारी
रक्षा जग की करने आए राम की महिमा भारी
राम लखन की जोड़ी लेने हेतु वचन सुनाए
गुरु वशिष्ठ ने दशरथ के सारे संदेह मिटाए
आनंदित हो चले तपस्वी…हो…
आनंदित हो चले तपस्वी हर्षित उसकी वाणी
सुनो सुनो श्री राम कहानी सुनो सुनो श्री राम कहानी
जय जय राम जयश्री राम जयश्री राम जय जय राम
वध कर दिया ताड़का का और मुक्तिधाम दे डाला
पहुंच गए सहज आश्रम हुआ न कष्ट कशाला
राम ने मुनि से सुबह कहा निर्भय हवन करें..
मेरे होते हुए हे मुनीवर दानव से न डरें
राम लखन दोनो ने मिलकर सबका किया सफाया
डर के मारे एक भी दानव लौट के फिर न आया
विश्वामित्र की हवन यज्ञ की… हो….
विश्वामित्र की हवन यज्ञ की पूरी हुई कहानी
सुनो सुनो श्री राम कहानी सुनो सुनो श्री राम कहानी
जय जय राम जयश्री राम, जयश्री राम जय जय राम
(अपने दोस्तों और परिवार जनों को रक्षा बंधन की शुभकामना मैसेज भेजें)
2 thoughts on “सुनो सुनो श्रीराम कहानी लिरिक्स पार्ट-1, सी लक्ष्मीचंद भजन”