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जनती जे जारल जईबू आग में दहेज के लिरिक्स- भरत शर्मा व्यास

जनती जे जारल जईबू आग में दहेज के लिरिक्स- भरत शर्मा व्यास      

जनती जे जारल जईबू आग में दहेज के लिरिक्स- भरत शर्मा व्यास

कंची कली की इस दामन छुपाकर फूलों तले  सांस पाती है बेटी,

खिल जाती कलियां तो डाली से झुककर आंचल में मुखड़ा छुपाती है बेटी,

खुशबू छिड़कती है सेवा से अपने मर्यादा कुल की बढ़ाती है बेटी,

फिर भी वहीं इस जमाने में एक दिनपैरों तले कुचली जाती है बेटी।

बेटे वाले तो होते किस्मत वाले पर बेटी के किस्मत में हीं शान होती,

बचपन मे फूलों से नाजुक कली भी जवानी में है बोझ बन करके रोती                                         

 

जनती जे जारल जईबू आग में दहेज के जनती जे जारल जैइबू आग में दहेज के

पाप नहीं करती बेटी ससुरा में भेज के  पाप नहीं करती बेटी ससुरा में भेज के

जानती जे जारल जैइबू आग में दहेज के-2 पाप नहीं…..भेज के….पाप…

 

कटले तू होइबू रनिया बड़ा रे बिपतिया  रोअते बितल होई दिनवा ऊ रतिया

कटले तू होइबू रनिया बड़ा रे बिपतिया  रोअते बितल होई दिनवा ऊ रतिया

माई कहिके कुहकल होईबू दुखवा अंगेज के माई कहिके कुहकल होईबू दुखवा अंगेज के             

पाप नहीं करती बेटी ससुरा में भेज के-2 पाप नहीं करती बेटी

 

का कहीं बबुनी हो अपना नसीब के बेटी होके काहे अइलू घर में गरीब के

का कहीं बबुनी हो अपना नसीब के बेटी होके काहे अइलू घर में गरीब के

जियते मूआई दिहलू हमरा के तेज के जियते मूआई दिहलू हमरा के तेज के

पाप नहीं करती बेटी ससुरा में भेज के-2 पाप नहीं करती बेटी

janti je jaral jaibu lyrics

करती बियाह नाहीं रखती कुआंरी सुनी लिहती सही लिहती लोगवन के गारी

करती बियाह नाहीं रखती कुआंरी सुनी लिहती सही लिहती लोगवन के गारी

अलगा ना होखे दिहती अपना करेज के अलगा ना होखे दिहती अपना करेज के

पाप नहीं करती बेटी ससुरा में भेज के-2 पाप नहीं करती बेटी

 

लोभ से सलिल बाटे बदलल कुरीतिया जहर पिआवल जाता लाइके पिरीतिया

लोभ से सलिल बाटे बदलल कुरीतिया जहर पिआवल जाता लाइके पिरीतिया

एकरा से निमन रहे शासन अंंगरेेेेज के  एकरा से निमन रहे शासन अंंगरेज के 

पाप नहीं करती बेटी ससुरा में भेज के-2 पाप नहीं करती बेटी…….. जनती जे…

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