दाशा मुझ दीन की भगवन लिरिक्स: हिन्दी भजन लिरिक्स

दशा मुझ दीन की भगवन

दाशा मुझ दीन की भगवन, सम्भालोगे तो क्या होगा। दाशा मुझ दीन की भगवन, सम्भालोगे तो क्या होगा। अगर चरणों की सेवा में, लगा लोगे तो क्या होगा।   मैं पापी पातकी हूँ और, नामी पापहर तुम हो। मैं पापी पातकी हूँ और, नामी पापहर तुम हो। जो लज्जा दोनों नामों की, बचा लो गे … Read more