एक अचरज हम देखनी ए साधो निर्गुण लिरिक्स: भरत शर्मा व्यास निर्गुण लिरिक्स

एक अचरज हम देखनी

आआ……आआ…आ….आ….. जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान मोल करो तलवार का पड़ा रहन दो म्यान एक अचरज हम.. देखनी ए साधो.. केकरा के देइ हम साखी ए राम उड़त चिरई के देखनी गगन में नाही रहे जवना के पांखी ए राम एक अचरज हम………………… एक अचरज हम देखनी ए साधो केकरा के देइ … Read more