जैसे पवन झकोले खाए हिंदी भजन लिरिक्स: नरेंद्र चंचल भजन लिरिक्स

जैसे पवन झकोले खाए

लहर लहर चुनरिया लहर लहर

लहर लहर चुनरिया लहर लहर-2

हो.. ओओ……….

जैसे पवन झकोले खाए

चुनरिया लहर लहर लहराए

जैसे पवन झकोले खाए

चुनरिया लहर लहर लहराए

लहर लहर चुनरिया लहर लहर

लहर लहर चुनरिया लहर लहर-2

 

 

जब असुरों ने युद्ध में देखा माता की त्योहारी

जब असुरों ने युद्ध में देखा माता की त्योहारी

करने लगे सब देवी देवता चुनरी की तैयारी

करने लगे सब देवी देवता चुनरी की तैयारी

चुनकर चांद की किरणें लाए

चुनरिया लहर लहर लहराए

जैसे पवन झकोले खाए

चुनरिया लहर लहर लहराए

 

नीलकंठ कैलाश पति ने डाली नीली साड़ी

नीलकंठ कैलाश पति ने डाली नीली साड़ी

बूटे गणपति जी ने लगाए गौरांगी फुलवारी

बूटे गणपति जी ने लगाए गौरांगी फुलवारी

एक रंग अलग तरसाए

चुनरिया लहर लहर लहराए

जेसे पवन झकोले खाए

चुनरिया लहर लहर लहराए

 

इंद्र ने सच्चा गोटा ताना इन्द्रानी ने तारे

इंद्र ने सच्चा गोटा ताना इन्द्रानी ने तारे

कृष्ण और गंधर्व ने छोड़े खुशबू के फव्वारे

कृष्ण और गंधर्व ने छोड़े खुशबू के फव्वारे

जिसने चौदह भवन महकाएं

चुनरिया लहर लहर लहराए

जैसें पवन झकोले खाए

चुनरिया लहर लहर लहराए

 

सूर्य के रथ पर मां को बिठाकर सर पे चुनरी डाली

सूर्य के रथ पर मां को बिठाकर सर पे चुनरी डाली

कोई देवता शंख बजाए कोई झांझ कोई ताली

कोई देवता शंख बजाए कोई झांझ कोई ताली

मैया सबने तेरे गुण गाए

चुनरिया लहर लहर लहराए

जेसे पवन झकोले खाए..

चुनरिया लहर लहर लहराए

 

नीलगगन अचरज से देखें धरती रूप निहारे

नीलगगन अचरज से देखें धरती रूप निहारे

तीन लोक में शेरावाली तेरे जय जय कारे

तीन लोक में शेरावाली तेरे जय जय कारे

तुझ पर फूल फलक बरसाए

चुनरिया लहर लहर लहराए

जैसे पवन झकोले खाए

चुनरिया लहर लहर लहराए

लहर लहर लहराए, लहर लहर लहराए

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