जहीया हंसा छोड़ी पराई निर्गुण लिरिक्स, भरत शर्मा व्यास

एक अचरज हम देखनी

जहीया हंसा छोड़ी पराई निर्गुण लिरिक्स, भरत शर्मा व्यास आआ…..आ..आ..आआ…..आ.. बैध मुआ रोगी मुआ, मुआ सकल संसार एक कबीरा ना मुआ जाके नाम आधार आरे देहिया माटी में मिल जाइ रे जहिया हंसा छोड़ी पराई, देहिया माटी में मिल जाइ रे जहिया हंसा छोड़ी पराई, आरे देहिया होहो…हो आरे देहीय ….. आरे माटी में मिल … Read more