एक दिन नदी के तीरे निर्गुण लिरिक्स: विष्णु झा निर्गुण लिरिक्स

एक दिन नदी के तीरे

एक दिन नदी के तीरे जात रहनी धीरे धीरे हम आंखी देखनी सुंदर शरीरिया अगिया मे जरेला ये राम हम आंखी देखनी सुंदर शरीरिया अगिया मे जरेला ये राम-2 एक दिन नदी के तीरे जात रहनी धीरे धीरे-2 हम आंखी देखनीईईई..ई हम आंखी देखनी सुंदर शरीरिया अगिया मे जरेला ये राम हम आंखी देखनी सुंदर … Read more