सखी रे प्रेम नगर छूटल जाला रे निर्गुण लिरिक्स

सखी रे प्रेम नगर छूटल जाला रे       ( निर्गुण ) मोरा जियारा बड़ा घबराला रे मोरा जियारा बड़ा घबराला सखी रे प्रेम नगर छूटल जाला रे मोरा जियारा बड़ा घबराला रे मोरा जियारा बड़ा घबराला   बाबा गइले बजार रुपया लेइके दुई चार बाबा गइले बजार रुपया लेइके दुई चार सखी रे ललकी … Read more

के खोली कपट केवड़िया हो सदगुरु बिना साहेब लिरिक्स, मदन राय

भँवरवा के तोहरा संघे जाइ

के खोली कपट केवड़िया हो सदगुरु बिना साहेब लिरिक्स, मदन राय                             के खोली..के खोली कपट केवड़िया हो सदगुरु बिना साहेब को खोली कपट केवाड़िया हो सदगुरु बिना साहेब-2 नईहर में कुछहुं न सिखनी नईहर में कुछहुं न सिखनी-3 ससूरे में भईली  फुहरिया … Read more