ठुमक चलत रामचन्द्र बाजत पैजनिया भजन लिरिक्स

ठुमक चलत रामचन्द्र बाजत पैजनिया ठुमक चलत रामचन्द्र बाजत पैजनिया-२ किलकि किलकि उठत धाय किलकि किलकि उठत धाय गिरत भूमि लटपटाय धाय मात गोद लेत दशरथ की रनिया ठुमक चलत रा.. बाजत पैंजनिया ठुमक चलत रामचंद्र…. अंचल रज अंग झारि अंचल रज अंग झारि विविध भांति सो दुलारि विविध भांति सो दुलारि तन मन धन वारि … Read more