दिया ना बारी धइल नाही जननी निर्गुण लिरिक्स, भरत शर्मा व्यास

दिया ना बारी धइल नाही जननी मन बहुते पछतात हो दिया ना बारी धइल नाही जननी मन बहुते पछतात हो सजना ठार दुआरे बारें लेके साथ बारात हो दिया न बारी धइल नाही जननी मन बहुते पछतात हो दिया न बारी धइल नाही जननी..   बौराहीन अस देहिया लागे बभना आई बइठलस आगे बौराहीन अस … Read more