दिया ना बारी धइल नाही जननी निर्गुण लिरिक्स, भरत शर्मा व्यास

दिया ना बारी धइल

दिया ना बारी धइल नाही जननी
मन बहुते पछतात हो
दिया ना बारी धइल नाही जननी
मन बहुते पछतात हो
सजना ठार दुआरे बारें लेके साथ बारात हो
दिया न बारी धइल नाही जननी
मन बहुते पछतात हो
दिया न बारी धइल नाही जननी..

 

बौराहीन अस देहिया लागे
बभना आई बइठलस आगे
बौराहीन अस देहिया लागे
बभना आई बइठलस आगे
कवन समान धरे हांथे में
कवन समान धरे हांथे में
कुछहुं नाही बुझात हो
दिया न बारी धइल नाही जननी

सुसुके ले भइया आ माई
जबरन मांग भरे भौजाई
सुसुके ले भइया आ माई
जबरन मांग भरे भौजाई
भेंट अकवार करे नाही दिहलस
भेंट अकवार करे नाही दिहलस
सजना बा खिसिआत हो
दिया न बारी धइल नाही जननी
मन बहुते पछतात हो
दिया न बारी धइल नाही जननी
मन बहुते पछतात हो
सजना ठार दुआरे बारें लेके साथ बारात हो
दिया न बारी धइल नाही जननी
मन बहुते पछतात हो
दिया न बारी धइल नाही जननी..

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