एक दिन नदी के तीरे निर्गुण लिरिक्स: विष्णु झा निर्गुण लिरिक्स

एक दिन नदी के तीरे

एक दिन नदी के तीरे जात रहनी धीरे धीरे

हम आंखी देखनी सुंदर शरीरिया अगिया मे

जरेला ये राम

हम आंखी देखनी सुंदर शरीरिया अगिया मे

जरेला ये राम-2

एक दिन नदी के तीरे जात रहनी धीरे धीरे-2

हम आंखी देखनीईईई..ई

हम आंखी देखनी सुंदर शरीरिया अगिया मे

जरेला ये राम

हम आंखी देखनी सुंदर शरीरिया अगिया मे

जरेला ये राम-2

 

बंसवा के लेई विमाना घाटे अइले चारी जाना

बंसवा के लेई विमाना घाटे अइले चारी जाना

मुंहवा पर अगियाआआआ..आ

मुंहवा पर अगिया अपने जमलका उंहवा

धरेला ए राम

हम आंखी देखनी सुंदर शरीरिया अगिया मे

जरेला ये राम-2

 

हीत मीत जे जे रहल एके मुंहे सभे कहल

हीत मीत जे जे रहल एके मुंहे सभे कहल

बेटा के जरलेएएए..ए

बेटा के जरले बाबूजी के नश्वर तनवा तरल ए राम

हम आंखी देखनी सुंदर शरीरिया अगिया मे

जरेला ये राम-2

 

भला बुरा कर्म कमाई, जेहि लागी कइल ए भाई

भला बुरा कर्म कमाई, जेहि लागी कइल ए भाई

तब काहे खातीईईईर

तब काहे खातीर उंच नीच मानुष देहिया

करेला ए राम

हम आंखी देखनी सुंदर शरीरिया अगिया मे

जरेला ये राम-2

 

कूल्हि भइल जेकरा लागी उहे धईल मुंह पर आगी

कूल्हि भइल जेकरा लागी उहे धईल मुंह पर आगी

इ सोच के बागीईईई…ई

इ सोच के बागी अंखियाँ से झर झर लोरवा

झरेला ए राम

हम आंखी देखनी सुंदर शरीरिया अगिया मे

जरेला ये राम-2

एक दिन नदी के तीरे जात रहनी धीरे धीरे

हम आंखी देखनी सुंदर शरीरिया अगिया मे

जरेला ये राम

हम आंखी देखनी सुंदर शरीरिया अगिया मे

जरेला ये राम-2

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