हम सांस ले रहे है इस जान की बदौलत भजन लिरिक्स

हम सांस ले रहे हैं इस जान की बदौलत

हम सांस ले रहे है इस जान की बदौलत

हम सांस ले रहे है इस जान की बदौलत

और जान जिस्म में है श्री राम की बदौलत

और जान जिस्म में है श्री राम की बदौलत

 

श्री राम नाम जप के लंका से जीत आए

श्री राम नाम जप के लंका से जीत आए

हनुमान सिद्धि पा गए हरि नाम की बदौलत

हनुमान सिद्धि पा गए हरि नाम की बदौलत

हम सांस ले रहे हैं..इस जान की बदौलत

 

कुछ पुण्य हो रहा है जो सूरज निकल रहा है

कुछ पुण्य हो रहा है जो सूरज निकल रहा है

धरती थमी है सदियों से इंसान की बदौलत

धरती थमी है सदियों से इंसान की बदौलत

हम सांस ले रहें हैं…इस जान की बदौलत

 

पंडित के घर में जन्मा खुद भी तो था वो ज्ञानी

पंडित के घर में जन्मा खुद भी तो था वो ज्ञानी

रावण का नाश हो गया अभिमान के बदौलत

रावण का नाश हो गया अभिमान के बदौलत

हम सांस ले रहें हैं…इस जान की बदौलत

 

हमें गर्व हो रहा है विज्ञान की बदौलतग

हमें गर्व हो रहा है विज्ञान की बदौलत

विज्ञान का वजूद है भगवान की बदौलत

विज्ञान का वजूद है भगवान की बदौलत

हम सांस ले रहें हैं…इस जान की बदौलत

 

मेरे लिए अतिथि भगवान के बराबर

मेरे लिए अतिथि भगवान के बराबर

सर करते है न्यौछावर मेहमान के बदौलत

सर करते है न्यौछावर मेहमान के बदौलत

हम सांस ले रहे हैं…इस जान की बदौलत

 

लब पे हंसी नहीं तो जीना भी है क्या जीना

लब पे हंसी नहीं तो जीना भी है क्या जीना

पहचान है जहाँ में मुस्कान की बदौलत

पहचान है जहाँ में मुस्कान की बदौलत

हम सांस ले रहें हैं…इस जान की बदौलत

और जान जिस्म में है श्री राम की बदौलत

और जान जिस्म में है श्री राम की बदौलत

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